कद इथ डोले, कद उथ भागे, बावरा मनवा मोरा, मोरी इक ना माने मन, मन के आगे, अब मैं हारा !!!
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Monday 31 December 2018
नववर्ष अभिनंदन
Sunday 30 September 2018
आधुनिक भारत।
Tuesday 18 September 2018
लेखक तन्हा।
Monday 10 September 2018
“मैं”
Tuesday 3 July 2018
फ़िल्म संजू की समीक्षा मेरी कलम से।
Sunday 8 April 2018
सौ सालों के बाद हमारे देश भारत में सब कुछ सही हो जायेगा।
सौ सालों के बाद हमारे देश भारत में सब कुछ सही हो जायेगा। कुछ भी अस्त व्यस्त नहीं होगा। आर्थिक, धार्मिक और नैतिक कोई द्वंद नहीं होगा। कोई बेरोजग़ार नहीं होगा। किसी को आरक्षण की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी। कहीं कोई लाईन नहीं होगी। सभी के पास तरक्क़ी के पर्याप्त अवसर होंगे। हर व्यक्ति साठ वर्ष की आयु में भी तीस वर्ष सा नज़र आयेगा। कोई गला काट आगे बढ़ने जैसी प्रतिस्पर्धा नहीं होगी कोई चोरी चकारी, लूटपाट नहीं होगी। सभी को ज़रूरत की वस्तुऐं उपलब्ध होंगी। एक वस्तु की ख़्वाहिश में चार वस्तुऐं हाज़िर होंगी। भूलवश कोई अपराध हो भी गया तो कानून व्यवस्था ऐसी कि हाथों हाथ न्याय और दोषी को कठोर दंड।
शिक्षा इतनी बेहतरीन होगी कि अच्छी पढ़ाई लिखाई करके बच्चे अपनी पसंद के व्यवसाय का चुनाव कर पायेंगे और देश के एक ज़िम्मेदार नागरिक बन पायेंगे।
स्वास्थ्य सेवायें ऐसी कि अस्पताल में एक डॉक्टर गिनती के मरीज़ देखेगा। एक नर्स या कंपाउंडर सिर्फ़ एक ही मरीज़ के लिए होगा। दवाइयाँ और खून जाँच की गुणवत्ता ऐसी कि एक बार के ट्रीटमेंट से ही मरीज़ ठीक हो जायेगा।
परिवहन सेवायें ऐसी होंगी कि हर व्यक्ति सिर्फ़ अपनी सीट पर बैठेगा। वर्तमान की तरह ऐसा नहीं कि चार लोगों की सीट पर सात लोग बैठें हो या दर्जनों लोग सीट मिलने के इंतजार में खड़े हों। कोई सीट के लिए झगड़ेगा नहीं। ना ही ऐसी स्थिति होगी कि किसी को फलाँ स्टेशन पर उतरना हो लेकिन भीड़ का दबाव उसे उसके गन्तव्य स्थान से पहले ही उतार दे।
महिलायें पूरी तरह से महफ़ूज़ होंगी। बलात्कार पर पूर्णतया अंकुश लग जायेगा। अग़र कहीं कोई वारदात हो भी जाती है तो तुरंत प्रभाव से पुलिस पहुंच जायेगी। अपराधी को ऐसी सज़ा दी जायेगी कि भविष्य में अपराध का ख़्याल भी किसी अपराधी के जेहन से धूमिल हो जायेगा।
रास्तों में कभी कोई भीख मांगता हुआ नज़र नहीं आयेगा। ना ही कभी कोई झुग्गी झोंपड़ी नज़र आयेगी। कहीं कोई शोषित नहीं होगा।
वर्तमान में 2 जी से 4 जी तक के सफ़र में बरसों लगे। जिसमें भी देश की बहुत बड़ी आबादी सीधी 2 जी से 4 जी में पहुँची है। वो आबादी 3 जी स्पीड से मेहरूम रही। लेकिन सौ साल बाद संचार व्यवस्था हमेशा दुरुस्त और बेहतरीन होगी।
जिस बैलेंस डायट की बातें अक़्सर हमने किताबों में पढ़ी है। वो बैलेंस डायट लोगों की थाली में होगी। फिर 1 सब्जी और कुछ चपातियों से पेट नहीं भरना होगा।
ईमानदार लोगों के लिए ये धरती जन्नत बन जायेगी और बेईमानों के लिए दोज़ख़।
देश को वीटो पावर भी मिल जायेगा। देश विकाशशील ना रहकर के विकसित देशों में शामिल हो जायेगा। विकास की एक ऐसी गंगा बहेगी जिसमें ख़ुशहाली ही ख़ुशहाली नज़र आयेगी।
सौ सालों के बाद हमारे देश भारत में सब कुछ सही हो जायेगा "अग़र जनसंख्यावृद्धि पर एक बेहतरीन सरकार लग़ाम लगा लेती हैं तो..."
~ मनीष शर्मा