मैं कायर हूँ, बुज्ज़दिल हूँ
मैं वो बनने का प्रयास कर रहा हूँ
जो मैं नहीं हूँ
झूठी मुस्कान लिए
नकली नकाब़ पहने
मैं उन लोगों की हाँ में हाँ भर रहा हूँ
जो इस काबिल नहीं
मैं उन लोगों की जी हूज़ूरी कर रहा हूँ
जो इस लायक नहीं
मुझे ये करना होगा
क्यों कि मेरे पास
इसके सिवा कोई चारा नहीं
क्यों कि मुझमें बगावत
करने की ताकत नहीं....
सच हैं हम सब कायर हो गए हैं, और इसके पीछे हमारी शिक्षण प्रणाली भी कम जिम्मेदार हैं
ReplyDelete